aupcharik patra paribhasha in hindi i want aupcharik patra paribhasha in hindi
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हिंदी में पत्र लेखन यह ध्यान रखें
हिंदी में पत्र लेखन अंग्रेजी भाषा की तरह ही होता है, पत्र लिखते समय आप को यह ध्यान रखना है की जो पत्र आप लिख रहे हैं पढ़ने वाले को कितना समझ में आएगा ! क्योंकि जब कोई पत्र पढ़ता है तो आप वहां पर नहीं होते हैं, तो आपका पत्र लेखन ऐसा हो कि आप उसके सामने नहीं होते हुए भी उसको अनुभव दिलाते हैं कि मैं आपके पास हूं और आपसे वार्तालाप कर रहा हूं !
सरल भाषा का उपयोग हमेशा अच्छा माना जाता है ! लेकिन जटिल शब्दों का प्रयोग व उलझे हुए वाक्य पाठक को निरर्थक एवं उबाऊ बना देते हैं !निश्चयात्मकता, आपके पत्र में होनी चाहिए यदि पाठक को पत्र पढ़ने के बाद कोई शंका या दुविधा बनी रहती है तो पत्र लिखने का सारा उद्देश्य ही खत्म हो जाता है !संक्षिप्तता से अपनी पूरी बात लिखना ही अच्छा पत्र लेखन माना जाता है ! पत्र लेखन को दो वर्गो में विभाजित किया जाता है -
औपचारिक पत्रअनौपचारिक पत्र
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Answer:
औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है।
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