autobiography of tree in Hindi
Answers
Answer:
मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था।
अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने के रूप में आ गया।
मेरे अंदर हरे रंग का एक विशेष प्रकार का पदार्थ पाया जाता है, जिसे पर्णहरित कहते हैं। इस पर्णहरित की सहायता से मैं वायुमंडल एवं पृथ्वी के अंदर मौजूद कार्बनिक पदार्थों जैसे कि जल एवं कार्बन डाइ ऑक्साइड को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करके, एक विशेष विधि द्वारा अपने भोजन का निर्माण करता हूं।
मैं एक पेड़ हूं। मैं ईश्वर द्वारा इस प्रकृति को दिया गया एक अमूल्य वरदान हूं। मैं ही इस सम्पूर्ण जगत में घटित होने वाली समस्त प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ। इस संसार के सभी जीव जंतुओं के जीवन का आधार मैं ही हूं। इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा ही जन्म हुआ था।
अपने जन्म से पहले जब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रूप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, तब मैंने पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके स्वयं का विकास किया और इस धरती के भूगर्भ से बाहर एक तने के रूप में आ गया।