India Languages, asked by Ahsan11, 1 year ago

Autobiography of yamuna in hindi

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Answered by sophia3
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हिमालय के कालिंद पर्वत से निकलकर यमुनोत्री से प्रवाहित यमुना उत्तर प्रदेश, दिल्ली (इन्द्रप्रस्थ) को प्रवाहित करती हुई प्रयाग में जाकर गंगा में समाहित हो जाती है। यमुना के एक सहस्त्र नामों में कालिंदी, यमी, सूर्यपुत्री, कृष्णा, गंभीरा, महानदी, नीलाम्बरा, माधवी, वृंदारण्यविभूषणा आदि नाम मुख्य हैं। जैसे गंगा को शान्तनु और शिव की पत्नी कहा गया है, यमुना भी श्रीकृष्ण की पत्नी कही गयी है। ऋषि-मुनियों के यज्ञों से यमुना-तट की पावनता में भारत ने तीन सौ अश्वमेध यज्ञ सम्पन्न करके कीर्तिमान स्थापित किया है। यमुना के एक द्वीप में ही पराशर ऋषि से सत्यवती के पुत्र, वेदों के रचयिता व्यास उत्पन्न हुए थे। पद्मपुराण में तो यमुना की यशोगाथा का विशद् वर्णन है। हनुमान चट्टी से 7 किलोमीटर दूर यमुना कुंड है जिसका जल गरम रहता है। इस कुंड के स्थान से विशेष बल की प्राप्ति होने का अहसास होता है। इसी कुंड से 6 किलोमीटर दूरी पर यमुनोत्री की तीर्थ स्थान है, जहां-पर कालिन्दी शैल से एक छोटी जल धारा मंदिर के पास दौड़ती हुई चली आती है। यही नदी कालिन्दी अथवा यमुना है। उत्तरकाशी से निकलकर टौंस, पब्बर, गिरि तथा बाटा नामक नदियों से संगम बनाती हुई आगे बढ़ती है। पौराणिक संदर्भ में यमुना में स्नान-मात्र से मुक्ति का उल्लेख है। यही वह स्थान है जहां अग्निदेव द्वारा कठोर तप किया गया था फलस्वरूप वे दिग्पाल कहलाए। इस तप्त कुंड में आज भी दाल-चावल पकाए जा सकते हैं। यहीं यम ने भी कठिन तप करके लोकपाल का पद प्राप्त किया। प्राचीन सिद्ध नामक तीर्थ यही यमुनोत्री मंदिर कहलाता है। नंदन कानन के सदृश इस घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य को देखकर यात्री मुग्ध हो उठते हैं। यमुना नदी अपनी यात्रा के 1,376 किलोमीटर के लम्बे सफर में घनी आबादी वाले फैक्ट्री-कारखानों से भरपूर बड़े शहरों से गुजरती है।
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