Hindi, asked by shawsuraj980, 2 months ago

अविगत नाथ निरंजन देवा में का जानू तुम्हारी सेवा व्याख्या​

Answers

Answered by shishir303
1

अविगत नाथ निरंजन देवा,

मैं का जानू तुम्हारी सेवा ।।

व्याख्या ➲ ईश्वर अनंत है, असीम है, उसकी महिमा अपार है। ईश्वर के स्वरूप को रहस्य को भला साधारण भक्ति करने वाला मनुष्य कैसे जान सकता है।

अर्थात ईश्वर के दिव्य विराट स्वरूप को समझना एक साधारण बुद्धि वाले भक्त के वश की बात नही है। ईश्वर को समझने के लिये बहुत विशिष्ट बनना पड़ता है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions