अव्यय / अविकारी शब्द के भेद और उसके एक-एक उदाहरण लिखिए।
Answers
Explanation:
रूपांतर के आधार पर शब्दों के दो भेद होते हैं-अविकारी और विकारी।
अविकारी शब्द-जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, पुरूष और कारक के अनुसार नहीं बदलता है, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। इन्हें अव्यय भी कहा जाता है। कहने का मतलब कि जिन शब्दों के रूप में कोई विकार उत्पन्न नहीं हो, उन्हें अविकारी कहेंगे। अविकारी शब्दों के भेद निम्नलिखित हैं-
1. क्रिया विशेषण-यहां, वहां, बाहर, भीतर, बहुत, बड़ा, क्यों, क्या, अब, जब, सदा, कैसे, जैसे, काफी इत्यादि।
2. संबंधबोधक-निकट, दूर, आगे, पीछे, साथ, द्वारा, अलावा, तरफ, ओर इत्यादि।
3. समुच्चयबोधक-और, एवं, व, तथा, अथवा, किंतु, परंतु, क्योंकि, इसलिए इत्यादि।
4. विस्मयादिबोधक-हे, अरे, आह, वाह, काश, शाबाश, छी-छी, राम-राम इत्यादि।
विकारी शब्द-जिन शब्दों का रूप लिंग, वचन, पुरूष और कारक के अनुसार बदल जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। यानी, जिन शब्दों के रूप में कोई विकार उत्पन्न हो जाए, वे विकारी कहलाते हैं। विकारी शब्दों के निम्नलिखित भेद हैं-
1. संज्ञा-राम, पटना, दिल्ली, कलम, घी, मोती, दाल इत्यादि।
2. सर्वनाम-मैं, तुम, वह, आप, कोई, जो, कौन, यह इत्यादि।
3. विशेषण-सुंदर, कुरूप, थोड़ा, लाल, काला, बीमार, नुकीला इत्यादि।
4. क्र्रिया-खाना, दौड़ना, हंसना, खेलना, पढ़ना, रोना, गाना, चलना इत्यादि।
आशा करता हूं कि आपको पूर्ण उत्तर मिल गया होगा। प्रश्न पूछने के लिए धन्यवाद।