India Languages, asked by dkzalte, 6 months ago

२) अव्ययस्य उपयोगं कृत्वा वाक्यनिर्माणं कुरुत।
सर्वत्र-​

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Answered by ms9655675
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Answer:

सदृशं त्रिषु लिङ्गेषु सर्वासु च विभक्तिषु। वचनेषु च सर्वेषु यन्न व्येति तदव्ययम्॥ अर्थात् तीनों लिंगों में, सभी विभक्तियों और सभी वचनों में जो समान ही रहता है, रूप में परिवर्तन नहीं होता, वह अव्यय होता है। ... जैसे– पठित्वा, पठितुम् आदि धातु से निर्मित कृदन्त अव्यय हैं।jaise- pic dekhe

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