Avahan Kavita ke Aadhar per spasht Karen ki Jivan Mein Unnati aur Pragati Ke Liye purusharth ka kya mahatva hai
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आह्वाहन कविता में कवि द्वारा यह बताया गया है कि हमारे जीवन में प्रगति हेतु हमारा परिश्रम करना बहुत ही आवश्यक है।
बिना पुरुषार्थ किए हम अपने जीवन में प्रगति नहीं कर सकते हैं। कवि ने कई उदाहरण सहित बताया है कि उन्नति के रास्ते तभी खुलेंगे जब हम पुरुषार्थ अर्थात मेहनत मेहनत करेंगे।
अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने का एकमात्र रास्ता पुरुषार्थ ही है। केवल सपने देखने से प्रगति नहीं हो सकती बल्कि उसके लिए हमें उपयुक्त परिश्रम करना होगा।
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