Social Sciences, asked by vishvaraj68, 5 months ago

अवशिष्ट विषयों से क्या अभिप्राय हैलोकतंत्र के तीसरे स्तर को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए संविधान में संशोधन कब किया गया था?​

Answers

Answered by mangolishree
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Answer:

ज किचन पाहुणे आले की चहा घेऊन

Answered by mad210215
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अवशिष्ट विषय :

विवरण:

  • वे विषय जो संविधान में उल्लिखित किसी भी सूची में मौजूद नहीं हैं, अवशिष्ट विषय कहलाते हैं।
  • केंद्र सरकार के पास अवशिष्ट विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है। ऐसे विषयों में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, ई-कॉमर्स आदि शामिल हैं।
  • ये विषय संविधान बनने के बाद अस्तित्व में आए।लोकतंत्र के तीसरे स्तर को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए संविधान में संशोधन किया गया।
  • अब यह संवैधानिक रूप से स्थानीय सरकारी निकायों के लिए नियमित चुनाव कराने के लिए अनिवार्य है।
  • राज्य सरकारों को स्थानीय सरकारी निकायों के साथ कुछ शक्तियां और राजस्व साझा करना आवश्यक है।
  • 1992 में विकेंद्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया था। लोकतंत्र के तीसरे स्तर को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए संविधान में संशोधन किया गया था।

संविधान संशोधन के प्रावधान इस प्रकार हैं:

  • स्थानीय निकाय निकायों के अधीन नियमित चुनाव कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
  • निर्वाचित निकायों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण।
  • एक तिहाई यानि 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी हैं|
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