अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण द्वारा विभिन्न के लिए बने प्रतिबिंब का किरण आरेख बनाएं
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गोलीय दर्पण (spherical mirror) वे दर्पण हैं जिनका परावर्तक तल गोलीय होता है।
जिस दर्पण का परावर्तक तल बाहर की तरफ उभरा रहता है उसे उत्तल दर्पण कहते हैं।
अवतल दर्पण (concave mirror / कॉनकेव मिरर) -- जिस दर्पण का परावर्तक तल अन्दर की तरफ दबा हुआ होता है उसे अवतल दर्पण कहते हैं।
कुछ दर्पण ऐसे भी उपयोग किये जाते हैं जिनका परावर्तक तल समतल या गोलीय न होकर किसी अन्य रूप का होता है, जैसे परवलयाकार (parabolic reflectors)। इनका उपयोग परावर्तक दूरदर्शी आदि प्रकाशीय उपकरणों में किया जाता है। इनके उपयोग से गोलीय दर्पणों में पायी जाने वाली 'गोलीय विपथन' की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है
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