अवतरण को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
वैसे तो मेरे मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को ‘बदलू मामा’ कहना चाहिए था परंतु मैं उसे ‘बदलू मामा’ न कहकर बदलू काका कहा करता था जैसा कि गाँव के सभी बच्चे उसे कहा करते थे। बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था। मकान के सामने बड़ा-सा सहन था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था। उसी के नीचे बैठकर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता। सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता। पास में चार-छह विभिन्न आकार की बेलननुमा मुंगेरियाँ रखी रहतीं जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होतीं। लाख की चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुँगेरियों पर चढ़ाकर गोल और चिकना बनाता और तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात वह उन पर रंग करता।
लेखक को बदलू को किस संबोधन से पुकारना चाहिए था पर वह किस संबोधन से पुकारता था और क्यों ?
बदलू का मकान कैसा था ?
बदलू अपना काम कहाँ करता था ?
बदलू अपना काम कैसे करता था ?
वह किससे चूड़ी बनता था और कैसे ?
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1) बदलू का मकान कुछ ऊँचे पर बना था।
2) बदलू अपना काम एक पुराना नीम का वृक्ष करता था |
3) बदलू अपना काम बगल में भठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता था|
4) वह सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता।
2) बदलू अपना काम एक पुराना नीम का वृक्ष करता था |
3) बदलू अपना काम बगल में भठी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता था|
4) वह सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता।
ajay33333:
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