Avviyabhav samas kon se hote h
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जिस समास में पहला पद अव्यय या प्रधान ही उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
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Answer:अव्ययीभाव समास की परिभाषा
इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
अव्यय क्या होते है?
जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि से भी कोई प्रभाव न पड़े अर्थात जो अपरिवर्तित रहें, वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।
अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण
आजन्म: जन्म से लेकर
यथामति : मति के अनुसार
प्रतिदिन : दिन-दिन
जैसा कि आप ऊपर दिए गए कुछ उदाहरणों में देख सकते हैं कि समास के प्रथमपद में आ, यथा, प्रति आदि आते हैं। यहाँ समास होने पर से, के आदि चिन्हों का लोप हो जाता है।
यथाशक्ति : शक्ति के अनुसार
अनजाने : बिना जाने
ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा कि आप देख सकते हैं कि प्रथम पद में ‘यथा’, ‘अन’ आदि आते हैं जो कि अव्यय हैं एवं समास होने पर ‘के’ चिन्ह का लोप हो रहा है।
घर-घर : प्रत्येक घर
निस्संदेह : संदेह रहित
प्रत्यक्ष : आँखों के सामने
बेखटके : बिना खटके
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं कि प्रथम पद में ‘नि’, ‘प्र’, ‘बे’ आदि प्रयोग हो रहे हैं जो अव्यय हैं एवं शब्द के साथ जुड़ने के बाद पूरा शब्द अव्यय हो जाता है। अतः यह अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आयेंगे।यथासमय : समय के अनुसार
यथारुचि : रूचि के अनुसार
प्रतिवर्ष : प्रत्येक वर्ष
प्रतिसप्ताह : प्रत्येक सप्ताह
ऊपर दिए गए उदाहरणों में यथा, प्रति आदि शब्दों का प्रयोग क्या जा रहा है जो अव्यय हैं एवं जब ये शब्द के साथ जुड़ते हैं तो उन्हें भी अव्यय बना देते हैं। इन अव्ययों का अर्थ ही प्रधान होता है। इन समास में पूर्वपद प्रधान है। अतः यह अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आयेंगे।
यथाक्रम : क्रम के अनुसार
यथानाम : नाम के अनुसार
प्रतिपल : पल-पल
प्रत्येक : हर एक
आजीवन : जीवन भर
आमरण : मृत्यु तक निडर : बिना डर के
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आपने देखा कि सभी समस्त्पदों में पूर्व प्रधान हैं एवं ‘प्रति’, ‘आ’ एवं ‘नि’ आदि शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि अव्यय हैं।
शब्दों के साथ मिलकर ये अव्यय समस्तपद को भी अव्यय बना देते हैं। अतः यह उदाहरण अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आयेंगे।
हरघडी : घडी-घडी
प्रतिमास : प्रत्येक मास
हाथों हाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ
सहसा : एक दम से
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आप देख सकते हैं यहां हर उदाहरण में पूर्वपद का अर्थ ही प्रधान है। इन सभी शब्दों में पूर्वपद में हर, प्रति आदि शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है जोकि अव्यय हैं। जब ये अव्यय अन्य शब्दों के साथ मिलते हैं तो परिणाम स्वरुप समस्त पद को ही अव्यय बना देते हैं।
अतः यह उदाहरण अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आएंगे।अतः यह उदाहरण अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आएंगे।
अकारण : बिना कारण के
धड़ाधड़ : जल्दी से
बेरहम : बिना रहम के
बकायदा : कायदे के साथ
बेकाम : बिना काम का
अध्यात्म : आत्मा से सम्बंधित
जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं यहां हर एक शब्द में पूर्व पद एक अव्यय है। अव्यय होने के बाद भी पूर्वपद का अर्थ ही प्रधान है। इन सभी शब्दों में पूर्वपद में अ, बे, ब, आदि अव्ययों का प्रयोग किया गया है जोकि अव्यय हैं। जब ये अव्यय अन्य शब्दों के साथ मिलते हैं तो ये समस्त पद को ही अव्यय बना देते हैं।
हम यह भी जानते हैं की जब समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है तब वह अव्ययीभाव समास होता है।
अतः ये उदाहरण अव्ययीभाव समास के अंतर्गत आएंगे अव्ययीभाव समास के कुछ अन्य उदाहरण :
निस्संदेह : बिना संदेह के
बेशक : बिना शक के
बेनाम : बिना नाम के
बेकाम : बिना काम के
बेलगाम : लगाम के बिना
भरपेट : पेट भर कर
भरपूर : पूरा भर के
रातभर : पूरी रात
दिनभर : पूरे दिन
रातोंरात : रात ही रात में
हाथोंहाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ में
घडी-घडी :हर घडी
साफ़-साफ़ : बिलकुल स्पष्ट