Hindi, asked by drpoornimapg, 11 months ago

Avyay kitne prakar ke hote hai?

Answers

Answered by aayeshkumari
11

Answer:

avyay 5 prakar ke hote hai

Answered by VanshHero
18

Answer:

Avyay 5 prakar ke hote he

Explanation:

अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो। ' हिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।

1. क्रिया – विशेषण

2. समुच्चय बोधक

3. संबंध बोधक

4. विस्मयादि बोधक

5. निपात

1. क्रिया – विशेषण किसे कहते है

जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते है ,उन्हें क्रिया – विशेषण कहते है |जैसे –

1. रमेश प्रतिदिन लिखता है

2. घोड़ा तेज दौड़ता है

3. राम धीरे-धीरे टहलता है

4. सुमन संदुर लिखती है

इन वाक्यों में प्रतिदिन,संदुर लिखने की विशेषता और तेज दौड़ना और धीरे-धीरे टहलने की विशेषता प्रकट करता है ,इसलिए इन शब्द को क्रिया – विशेषण कहते है

क्रिया विशेषण के मुख्य चार प्रकार है

1. कालवाचक

2. स्थानवाचक

3. परिणाम वाचक

4. रीतिवाचक

1. कालवाचक क्रियाविशेषण – जो क्रिया विशेषण शब्द क्रिया के होने के बारे में बताएं ,उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते है |जैसे –

1. सीता कल जाएगी

2. वह प्रतिदिन पढ़ता है

3. दिन भर वर्षा होती है

इन वाक्यों में कल,प्रतिदिन,और दिनभर आदि कालवाचक क्रिया विशेषण हैं |इनके अलावा आज,तुरंत,अभी,हरबार आदि भी कालवाचक क्रिया विशेषण होते हैं

2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जो क्रिया विशेषण शब्द क्रिया के स्थान या दिशा का पता कराते है ,उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण शब्द कहते है |जैसे –

1. सुनील नीचे बैठा है

2. इधर-उधर मत देखो

3. वह आगे चला गया

इन वाक्यों में नीचे,इधर-उधर,आगे आदि शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण है |इसके अलावा यहाँ,वहाँ,दाएं ,बाएँ सामने ,बाहर,भीतर आदि भी स्थानवाचक क्रिया विशेषण शब्द होते है

3. परिणाम वाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के परिमाण या नाप – तोल के बारे में बताते हैं ,उन्हें परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं |जैसे –

1. उतना बोलो,जितना जरूरी हो

2. रमेश खूब पढ़ता है

3. तेज गाड़ी चल रही है

4. सविता बहुत बोलती है

इन वाक्यों में उतना,जितना ,खूब ,तेज ,बहुत आदि परिणाम वाचक क्रिया विशेषण शब्द है |इसके अलावा अति, खूब, थोड़ा, कुछ,काफी ,उतना ,कम आदि भी परिणाम वाचक क्रिया विशेषण शब्द है

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जिन क्रिया विशेषण शब्दों से क्रिया की रीति या ढंग का पता चले ,उन शब्दों को रीतिवाचक क्रिया विशेषण शब्द कहते है |जैसे-

1. हमारे सामने शेर अचानक आ गया

2. कपिल ने अपना कार्य फटाफट कर दिया

3. मोहन शीघ्रता से चला गया

इन वाक्यों में फटाफट,शीघ्रता से तथा अचानक रीतिवाचक क्रिया विशेषण शब्द हैं |इसके अलावा धीरे-धीरे ,अवश्य ,इसलिए ,जल्दी ,ध्यानपूर्वक ,हाँ,यथासंभव ,बेशक,नि : सन्देह ,धडाधड आदि रीतिवाचक क्रिया विशेषण शब्द है

2. समुच्चय बोधक किसे कहते है

जो अव्यय दो वाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते है |जैसे –

1. सुनील निकम्मा है इसलिए सब उससे घृणा करते है

2. गीता गाती है और मीरा नाचती है

3. यदि तुम मेहनत करते तो अवश्य सफल होगे

इन वाक्यों इसलिए ,और ,यदि एक दूसरे को जोड़ते है इसलिए इन शब्दों को समुच्चय बोधक अव्यय कयते है

समुच्चय बोधक अव्यय दो प्रकार के होते है –

1. समानाधिकरण समुच्चय बोधक

2. व्यधिकरण समुच्चय बोधक

1. समानाधिकरण समुच्चय बोधक – वे अव्यय जो समान वाक्यों या वाक्याशों को परस्पर मिलाते है ,वे समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय कहलाते है |जैसे –

1. कविता और गीता एक कक्षा में पढ़ती है

2. मैं और मेरी पुत्री एवं मेरे सभी साथी साथ थे

इन वाक्यों और ,एवं शब्द एक दूसरे को परस्पर मिलाते है ,यह शब्द समानाधिकरण समुच्चय बोधक है |इसके अलावा तथा ,किंतु, परंतु ,व ,लेकिन ,अथवा ,इसलिए ,अत: ,या,एवं आदि शब्द भी समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय है

2. व्यधिकरण समुच्चय बोधक – एक या अधिक आश्रित उपवाक्यों को प्रधान उपवाक्य से जोड़ने वाले अव्यय व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय कहलाते है |जैसे –

1. मोहन बीमर है ,इसलिए वह आज नहीं आएगा

2. यदि तुम अपनी भलाई चाहते हो तो यहाँ से चले जाओ

3. मैनें दिन में ही अपना काम पूरा कर लिया ताकि मैं शाम को जागरण में जा सकूं

इन वाक्यों में इसलिए ,यदि ताकि यह शब्द व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय है |इसके अलावा तो ,यधपि ,तथापि ,जिससे ,क्योंकि ,कि ,यानि ,आदि शब्द भी व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय होते है

3. संबंध बोधक अव्यय किसे कहते है

जो अव्यय किसी संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर उस संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों में दिखाते है ,उन्हें संबंध बोधक अव्यय कहते है |जैसे –

1. राम भोजन के बाद जायेगा

2. मोहन दिन भर खेलता है

3. छत के उपर राम खड़ा है

4. सुनील चंद्रमा की और देख रहा है

5. मेरे कारण तुम्हें दुःख उठाना पड़ा

इन वाक्यों में जो शब्द के बाद, भर, के उपर, की और, कारण आदि संबंध बोधक अव्यय काम कर रहें है |

4. विस्मयादि बोधक अव्यय किसे कहते है

जिन अव्यय शब्दों से वक्ता या लेखक के हर्ष ,शोक ,घृणा ,विस्मय ,ग्लानी ,आदि भाव प्रकट होते है , उन्हें विस्मयादि बोधक अव्यय कहते है |जैसे –

1. हाय! अब मैं क्या करूँ

2. अरे! पीछे हो जाओ, गिर जाओगे

3. छि: छि:! कितनी दुर्गंध आ रही है

4. वाह ! कितना सुंदर दृश्य है

5. हाय ! वह भी मर गया

इन वाक्य को विस्मयादि बोधक अव्यय कहते है |

पहचान :- जिनके पीछे विस्मयादि बोधक चिह्न (!) लगा हो वो विस्मयादि बोधक अव्यय होते है

5. निपात अव्यय किसे कहते है

निपात वे सहायक पद होते है जो वाक्य में नवीनता या चमत्कार उत्पन्न करे देते हैं |

निपात का कार्य शब्द समूह में बल प्रदान करना है| जैसे –

1. राम ने ही रावण को मारा था

2. रमेश भी दिल्ली जाएगा

3. तुम तो कल जयपुर जाने वाले थे

इन वाक्यों ही, भी, तो आदि शब्द निपात के अव्यय है |निपात सहायक पद होते हुए भी वाक्य का अंग नहीं होते |मत ,सा, जी आदि शब्द भी निपात वाक्यों में आते है

Agar Apko Koi Bhi Anya Sawal Ho to Mujhe Follow kare taki Me apki usme Madad kar Saku

Thanks

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