अयोगवाह की परिभाषा
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अयोगवाह — अयोगवाह अनुस्वार (ं) और विसर्ग (ः) को को कहते हैं। क्योंकि यह ना तो स्वर के अंतर्गत आते हैं और ना ही व्यंजन के अन्तर्गत आते हैं। लेकिन यह स्वर के अंत में अवश्य लगते हैं कैसे की ‘अं’ और ‘अः’ यह दो अयोगवाह है।
हिंदी वर्णमाला में कुल 51 वर्ण होते हैं जिनमें 11 स्वर होते हैं। 33 व्यंजन होते है। तीन संयुक्त व्यंजन और दो अन्य व्यंजन है। इसके अतिरिक्त दो अयोगवाह होते हैं अयोगवाह से तात्पर्य उन वर्णों को कहते हैं जो ना स्वर है ना व्यंजन है।
स्वर वर्ण का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है जैसे कि अ इ उ ए।
व्यंजन का उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है। जैसे कि क ख ग घ।
इसके अतिरिक्त दो व्यंजनों के मेल से संयुक्त व्यंजन भी बने हैं इन सबके अतिरिक्त दो नये अन्य व्यंजन है। और दो अयोगवाह हैं.‘अं’ और ’अः’ के रूप में।
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