"अयोध्या के राज दुलारे राम" पद का परिचय दीजिए
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Ram ji bahut acche Rah Jaate Hain vah bahut Bahadur the unhone Ayodhya ko acchi Tarah Se Sambhala tha vah Chhoti Umra Se samajhdar Ban Gaye the vah bahut takatvar the Unki Mahadevi ki Saman thi unke Jaisa Koi Duniya Mein Nahin Hota itne Mahan the ki Unki Pratibha Banai Gai Thi Ayodhya ke Dulare the Jis Tarah Se unhone Apne Raja ko sambhala tha Vaisa Koi Rajya nahin tha dhanyvad
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आज अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आ गया है। फैसले में रामलला की जीत के साथ मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। ऐसा माना जाता है कि रामनवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था। रामायण की रचना सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने की थी। उसके बाद से विभिन्न विभूतियों ने विभिन्न भाषाओं में रामायण की रचना की है, जिसमें तुलसीदास कृत रामचरितमानसराम सबसे प्रसिद्ध है। हिंदुओं के लिए अयोध्या और भगवान राम सबसे बड़े आस्था के केंद्र हैं। आज जीत के इस मौके पर आइए आपको बताते हैं भगवान राम से जुड़ी ये 10 खास बातें…
1/10भगवान विष्णु के सातवें अवतार
भगवान राम को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार माना जाता है। भगवान राम से पहले भगवान विष्णु ने मत्स्य (मछली), कूर्म (कछुआ), वराह (सूअर), नृसिंह (मनुष्य एवं सिंह), वामन (बौना) और परशुराम के रूप में जबकि बाद में कृष्ण, बुद्ध और कल्कि (अवतार होना बाकी) के रूप में अवतार लिया था।
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2/10सबसे पुराने मानवीय देवता
भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग की समाप्ति आज से करीब 1,296,000 साल पहले हो चुकी है। त्रेता युग में भगवान विष्णु ने भगवान राम के अलावा वामन और परशुराम के रूप में भी अवतार लिया था।
3/10भगवान राम भगवान सूर्य के वंशज
भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसी कारण भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है।
4/10भगवान विष्णु का 394वां नाम
राम विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों की सूची दी गई है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394वां नाम है।
5/10भगवान राम का नामकरण
भगवान राम का नामकरण रघुवंशियों के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने किया था। वशिष्ठ के अनुसार राम शब्द दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बना है। ये अक्षर दिमाग, शरीर और आत्मा को शक्ति प्रदान करते हैं।