अयोध्या प्रशाद गोयलिय ने उर्दू साहित्य में क्या सुरू किया?
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अयोध्या प्रशाद गोयलिय ने नागरी लिपि (अयोध्या प्रसाद गोयलिया की बहु-वॉल्यूम श्रृंखला शेर-ओ सुखान) और बाद में फारसी-अरबी लिपि में जितना उर्दू साहित्य पढ़ना शुरू कर दिया। क्योंकि वह उर्दू लिपि सीखने के लिए एक पुस्तक खोजने में असमर्थ था।
इस से आप अपने प्रश्न का उत्तर बेहतर जान पाए होंगे ।
अयोध्या प्रसाद गोयलिया ने नागरी लिपि और फारसी-अरबी लिपि को उर्दू साहित्य में जानु कराया।
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