Hindi, asked by shloknarkhede, 10 months ago

Ayodhya ki sundarata ka varnan kijiye.
अयोध्या की सुनदरता का वर्णन कीजिये

Answers

Answered by krishnapranav10
2

Answer:

ग्यान गिरा गोतीत अज

माया मन गुन पार।

सोइ सच्चिदानंद घन

कर नर चरित उदार

प्रातकाल सरऊ करि मज्जन।

बैठहिं सभाँ संग द्विज सज्जन॥

बेद पुरान बसिष्ट बखानहिं।

सुनहिं राम जद्यपि सब जानहिं

अनुजन्ह संजुत भोजन करहीं।

देखि सकल जननीं सुख भरहीं॥

भरत सत्रुहन दोनउ भाई।

सहित पवनसुत उपबन जाई

बूझहिं बैठि राम गुन गाहा।

कह हनुमान सुमति अवगाहा॥

सुनत बिमल गुन अति सुख पावहिं।

बहुरि बहुरि करि बिनय कहावहिं

सब कें गृह गृह होहिं पुराना।

राम चरित पावन बिधि नाना॥

नर अरु नारि राम गुन गानहिं।

करहिं दिवस निसि जात न जानहिं

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Answered by pranavk10
2

Answer:

अवधपुरी बासिन्ह कर

सुख संपदा समाज।

सहस सेष नहिं कहि सकहिं

जहँ नृप राम बिराज

नारदादि सनकादि मुनीसा।

दरसन लागि कोसलाधीसा॥

दिन प्रति सकल अजोध्या आवहिं।

देखि नगरु बिरागु बिसरावहिं

जातरूप मनि रचित अटारीं।

नाना रंग रुचिर गच ढारीं॥

पुर चहुँ पास कोट अति सुंदर।

रचे कँगूरा रंग रंग बर

नव ग्रह निकर अनीक बनाई।

जनु घेरी अमरावति आई॥

लमहि बहु रंग रचित गच काँचा।

जो बिलोकि मुनिबर मन नाचा

धवल धाम ऊपर नभ चुंबत।

कलस मनहुँ रबि ससि दुति निंदत॥

बहु मनि रचित झरोखा भ्राजहिं।

गृह गृह प्रति मनि दीप बिराजहिं

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