Azadi ke bad bharat me pahelibar chunav kab huva tha
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स्वतंत्र भारत में पहली बार आज के दिन हुए थे लोकसभा के पहले चुनाव, जानिए पूरा इतिहास
Updated on 10/25/2018
नई दिल्ली/ अमरदीप शर्मा। भारत एक बहुप्राचीन देश है, इसका इतिहास सदियों पुराना है। इस देश में सैकड़ों राजा औऱ महाराजा हुए। जिन्होंने भारत में राज किया। इसके बाद करीब 200 साल तक देश अंग्रेजों की गुलामी की जंजीर में रहा। हमारे लाखों नायक और महानायकों ने इसकी आजादी के लिए अपनी जान गंवा दी। मसलन 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हो गया। इसके बाद देश में सबसे बड़ा राजनीतिक बदलाव तव सामने आया जब देश लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की ओर बढ़ा।
दरअसल आज 25 अक्टूबर को हम इस मुद्दे को इस लिए उठा रहे हैं क्योंकि आज के दिन ही पहली बार स्वतंत्रत भारत में 25 अक्टूबर 1952 को लोकसभा चुनाव के लिए बोट डाले गए। खास बात तो यह है कि देश में पहली बार 17 करोड़ से ज्यादा भारतीय मतदाताओं ने इसमें हिस्सा लिया। गुलामी से निकलने के बाद मतदाताओं के दिलों में आजादी का जश्न तो था ही साथ में लोकतंत्र के जीवंत होने का रोमांच भी जोरों पर था। दरअसल इस खुशी की एक वजह और थी कि अंग्रेजों ने कहा था कि भारत का नागरिक ठीक से लोकतंत्र को भी नही चला पाएगा। इस बात को भारतीयों ने गलत साबित करके दिखाया।
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स्वतंत्र भारत में पहली बार आज के दिन हुए थे लोकसभा के पहले चुनाव, जानिए पूरा इतिहास
Updated on 10/25/2018
नई दिल्ली/ अमरदीप शर्मा। भारत एक बहुप्राचीन देश है, इसका इतिहास सदियों पुराना है। इस देश में सैकड़ों राजा औऱ महाराजा हुए। जिन्होंने भारत में राज किया। इसके बाद करीब 200 साल तक देश अंग्रेजों की गुलामी की जंजीर में रहा। हमारे लाखों नायक और महानायकों ने इसकी आजादी के लिए अपनी जान गंवा दी। मसलन 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हो गया। इसके बाद देश में सबसे बड़ा राजनीतिक बदलाव तव सामने आया जब देश लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की ओर बढ़ा।
दरअसल आज 25 अक्टूबर को हम इस मुद्दे को इस लिए उठा रहे हैं क्योंकि आज के दिन ही पहली बार स्वतंत्रत भारत में 25 अक्टूबर 1952 को लोकसभा चुनाव के लिए बोट डाले गए। खास बात तो यह है कि देश में पहली बार 17 करोड़ से ज्यादा भारतीय मतदाताओं ने इसमें हिस्सा लिया। गुलामी से निकलने के बाद मतदाताओं के दिलों में आजादी का जश्न तो था ही साथ में लोकतंत्र के जीवंत होने का रोमांच भी जोरों पर था। दरअसल इस खुशी की एक वजह और थी कि अंग्रेजों ने कहा था कि भारत का नागरिक ठीक से लोकतंत्र को भी नही चला पाएगा। इस बात को भारतीयों ने गलत साबित करके दिखाया।
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