Azadi Ki Chahat story telling
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Explanation:
azadi ki chahat sbhi mai hoti hai, 1947 mai bhi agr azadi ki chahat thi thbi hmra desh azaad hoya ,orsbhi ka mn krta hai hm apni mrji se kaam kre jiss mai hme koi rokne vaala na ho , hr jgaa pr aapni mrji ,jo hme asha lgge vo kre
आजादी की चाहत।
Explanation:
आजादी की चाहत सभी में होती है चाहे वह मनुष्य हो या पशु पक्षी। एक समय की बात है एक राजा ने एक जोड़ा तोता और मैना को एक पिंजरे में बंद करके अपने महल में रखवाया।
चूँकि पक्षियों को हवा में उड़ना और खुले वातावरण में सांस लेना बहुत अच्छा लगता है इसलिए यह तोता-मैना महल की चारदीवारी के बीच खुद को बंधा हुआ और बंदी जैसा समझने लगे।
जैसे-जैसे दिन बीते वैसे-वैसे तोता मैना बहुत गंभीर स्थिति में आ गए अभी इन्होने खाना-पीना और चहचहाना सब छोड़ दिया। तोता मैना की यह दशा देखते हुए राजा बहुत चिंतित महसूस करने लगा और उसने दुनिया भर के हकीमो को इनकी सेवा में लगा दिया ।
पर विशेष चिकित्सा मिलने के बावजूद भी तोता-मैना ठीक ना हो पाए।अब राजा को लगा कि तोता-मैना को किसी साधु को दिखाना चाहिए इसलिए उसने अपने राज्य के विशेष साधु बाबा को तोता-मैना की जांच करने के लिए बुलाया । तोता-मैना की हालत देखकर साधु ने राजा को सलाह दी कि आजादी सबकी इच्छा होती है और हम किसी को पिंजरे में बंद करके उसे सारी सुविधाएं देकर भी खुश नहीं रख सकते ।
अब राजा ने उन्हें खुला छोड़ने का आदेश दे दिया और पिंजरा खुलते ही दोनों पक्षी खुली हवा में चहचाते हुए उड़ान भरने लगे और फिर राजा के इर्द-गिर्द घूमने लगे इससे राजा को समझ आया कि आजादी कि चाहत इंसान हो या पशु-पक्षी सभी में होती हैं ।
अंततः राजा ने अपने राज्य में पक्षियों को बंद कर के रखने पर रोक लगा दी ।