बाबू िी का एक िरीका था , ि अपने आप आकतषदि करिा था । वे अगर सीधे से कहिे - सुनील , िुम्हें
खादी से प्यार करना चातहए , ि शायद वह बाि कभी मेरे मन में घर नहीों करिी पर बाि कहने के साथ
- साथ उनके अपने व्यखित्व का आकषदण था , ि अपने में सामने वाले क बाँध लेिा था । वह स्वि:
उनपर अपना सब कु छ तनछावर करने उिारू ह िािा था।
अम्मा बिािी है - हमारी शादी में चढ़ावे के नाम पर तसर्द पाँच ग्राम स ने के गहने आए थे , लेतकन िब
हम तवदा ह कर रामनगर आए ि वहाों उन्हें मुँह तदखाई में गहने तमले । सभी नािे - ररश्तेवाल ों ने कु छ -
न - कु छ तदया था । तिन तदन ों हम ल ग बहादुरगोंि के मकान में आए , उन्हीों तदन ों िुम्हारे बाबू िी के
चाचा िी क क ई घाटा लगा था ।तकसी िरह से बाकी का रुपया देने की तिम्मेदारी हमपर आ पडी -
बाि क्या थी , उसकी ठीक से िानकारी लेने की िरूरि हमने नहीों स ची और न ही इसके बारे में कभी
कु छ पूछिाछ की।
एक तदन िुम्हारे बाबू िी ने दुतनया की मुसीबि ों और मनुष्य की मिबूररय ों क समझािे हुए िब
हमसे गहन ों की माँग की ि िण भर के तलए हमें कु छ वैसा लगा और गहना देने में ितनक तहचतकचाहट
महसूस हुई ।
गद्याोंश में आए प्रत्यय युि शब्द तलखखए।
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sorry i cant understand question
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