Hindi, asked by sahuganesa5, 19 days ago

बाबा साहेब भमराव अम्बेडकर के अनुसार जाती प्रथा को स्वभविक श्रम विभाजन क्यो नहीं माना जा सकता​

Answers

Answered by bugadwalazainab52
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Explanation:

जाति प्रथा में श्रम विभाजन मनुष्य की रुचि पर आधारित नहीं है। इसमें मनुष्य के प्रशिक्षण अथवा निजी क्षमता का विचार किए बिना किसी दूसरे के द्वारा उसके लिए पेशा निर्धारित कर दिया जाता है। यह जन्म पर आधारित होता है। ... इससे उसके भूखों मरने की नौबत आ जाती है।

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