बिंब से क्या तात्पर्य है? उनके प्रकारों को उदाहरण देकर समझाइए।
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उत्तर-भारतीय काव्यशास्त्र में बिंब को काव्य क्रिया कल्प विधि का अनिवार्य अंग कहा गया है। यह शब्दों द्वारा प्रस्तुत एन्द्रिय चित्र है जो मानवीय भावना प्रेरित रूपकात्मकता को अपने में स्थान देता है। ह्यूंग के अनुसार यह पदार्थों के आंतरिक सादृश्य की अभिव्यक्ति है। इसका निर्माण एन्द्रिय उत्तेजना से होता है।
बिंबों के प्रकार
ऐन्द्रिय बिम्ब
चाक्षुष बिम्ब
श्रव्य या नादात्मक बिम्ब
स्पर्श्य बिम्ब
घ्रातव्य बिम्ब
आस्वाद्य बिम्ब
काल्पनिक बिम्ब
स्मृति बिम्ब
कल्पित बिम्ब
प्रेरक अनुभूति के आधार पर
सरल बिम्ब
मिश्रित बिम्ब
तात्कालिक बिम्ब
संकुल बिम्ब
भावातीत बिम्ब
विकीर्ण बिंब ।
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