Hindi, asked by tejsinghbairwa013, 1 month ago

बिंब स्पष्ट करो #सबसे तेज बौछारें गयी‌‌‍ भादो गया# खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा# चमकीले इशारों से बुलाते हुए

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Answered by mahighagargunde
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Answered by bhatiamona
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काव्यांश की इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने गतिशील बिंब की योजना बनाई है। यहाँ पर सबसे चाक्षुस बिंब प्रकट हो रहा है। जैसे भादो का मास जाता है वैसे ही सवेरा अपनी पूरी चमक के साथ दिखने लगता है। जो शरद ऋतु होती है उसका सुबह का सूरज लाल और चमकीला होता है।

व्याख्या :

सूरज को देखकर खरगोश की आंखों में भी लाल बिंब दिखने लगता है। इसी कारण कवि ने खरगोश की आँखों में लाल सवेरा जैसा बिंब योजना प्रकट की है। कवि ने शरद ऋतु के आने पर उस बालक के बिंब को भी साकार किया है जो अपनी साइकिल को चलाता हुआ घंटी बजाता हुआ आ रहा है और ऐसे वातावरण कोई उसे पंतग उड़ाने के लिए बुला रहा है।

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