Hindi, asked by kratosgodkiller35, 11 months ago

बिच-बिच राखूं बारी' में कौन सा अलंकार है?​

Answers

Answered by jayathakur3939
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ऊँचा, ऊँचा महल बणावं बिच बिच राखूँ बारी।

साँवरिया रा दरसण पास्यूँ, पहर कुसुम्बी साई।

यह  मीरा के पद से ली गई पंक्ति है और इसमें अनुप्रास अलंकार है |

मीरा के पद का भावार्थ :- इन पंक्तियों में मीरा बाई ने श्री हरि के दर्शन करने की अपनी तीव्र इच्छा का वर्णन किया है। वे ऊँचे-ऊँचे महलों के बीच बाग़ लगाएंगी। उन्हीं बगीचों में वे पूरे साज श्रृंगार करके कृष्ण के दर्शन करेंगी।  

अलंकार की परिभाषा :-  

आभूषण या श्रंगार चांदी के आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं | अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते, वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व होते हैं | अलंकारों के योग से  काव्य मनोहारी बन जाता है |

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा :- जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।  इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है।  

‘ब ’ वर्ण की आवृति हो रही है। यह आवृति वाक्य का सौंदर्य बढ़ा रही है। अतः यहाँ पर  अनुप्रास अलंकार है

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