बूढी का की क्यों रोती है?
Answers
Answered by
0
Answer:
बूढ़ी ही लगेगी न? वास्तव में, मुँह ढाँपकर रोने और पिछवाड़े खाँसने वाली भी यही 'बूढी' है, क्योंकि नदी, पेड़, हवा आदि इसी पृथ्वी के अंग हैं। हम देखते हैं कि शरीर का ध्यान न रखने से बुढ़ापे में दाँत गिर जाते हैं, शरीर पर झुर्रियाँ पड़ जाती हैं, केश सफ़ेद हो जाते हैं, शरीर रोगी हो जाता है।
Explanation:
Similar questions