(b) फ्यूनेरिया कैप्सूल का लम्बकाट
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1.फ्यूनेरिया का वर्गीकरण (Classification):-
जगत -- पादप
उप जगत् --- एस्ब्रियोफाइटा
फाइलम --- ब्रायोफाइटा
वर्ग ---- ब्रायोप्सिडा
उप वर्ग --- ब्रायडी
गण --- फ्यूनेरियेल्स
कुल --- फ्यूनेरियेसी
वंश --- फ्यूनेरिया
2.फ्यूनेरिया का आवास (Habitat):-
संसार के लगभग सभी स्थानों पर मिलते हैं । यह के रुप में नम भूमि, नम दीवारों व चट्टानों तथा सजीव वृक्षों के तनो इत्यादि के रुप में घने गुच्छो पर मिलते है । विशेष रुप से क्षारयुक्त भूमि पर उगते हैं । आग लगने के पश्चात राख युक्त भूमि पर सघन रुप से उगते हैं । सघन उगने पर भूमि पर गलीचे की भांति परत बना लेते हैं । भारत में फ्यूनेरिया हाइग्रोमेट्रिका साधारणतया जाता है।
3.फ्यूनेरिया की बाहा आकारिकी :-
फ्यूनेरिया का पौधा सीधा या उर्ध्व , छोटा, प्राय: 2 से 5 सेमी की ऊँचाई व कम शाखाओं वाला होता है। पौधे की संरचना के अन्तर्गत स्तम्भ के समान अक्ष, पत्तियों व मूलाभासयुक्त होता है। अक्ष पतला व सीधा तथा शाखित होता है जिस पर सर्पिल रुप में पत्तियाँ व्यवस्थित होती हैं पादप की इस उर्ध्व सरचना को युग्मकधर भी कहा जाता है। अक्ष के शीर्ष पर पत्तियाँ एकत्रित रहती हैं। पत्तियाँ हरी, छोटी, सरल, अवृन्ती तथा अण्डाकार तथा स्पष्ट मध्यशिरा युक्त होती हैं | अक्ष के आधार से अनेक मूलाभास निकले हुए होते हैं। मूलाभास पतले, तन्तुवत
शाखित,बहुकोशिकीय व तिरछे पटो ं युक्त होते हैं
A. फ्यूनेरिया पादप की संरचना, B. मूलाभास तथा C.एक पर्ण
4. फ्यूनेरिया कि वृद्धि (Growth) :-
अक्ष की शीर्ष वृद्धि एक पिरेमिडी शीर्ष कोशिका के द्वारा होती है ।
5.फ्यूनेरिया की आन्तरिक संचरना (Internal Structure):-
(1) स्तम्भ या अक्ष : अक्ष के अनुप्रस्थ काट में निम्न संरचनायें पाई जाती है--
• बाह्यत्वचा या अधिचर्म : स्पर्शरेखीय दीर्घित
कोशिकाओं से बनी हुई एक परत की होती है कोशिकाओं में हरितलवक उपस्थित होते हैं । उपचर्म व रन्ध्र अनुपस्थित होते हैं ।
• वल्कुट : मृदूतकीय कोशिकाओं से बना हुआ अनेक परतों का होता है। बाहरी परत की कुछ कोशिकायें मोटी 'भित्ती की परन्तु अन्दर की पतली भित्तियों की होती है
• केन्द्रीय संवहनी संपूल : अक्ष का केन्द्र उदग्र दीर्घित कोशिकाओं से बना होता है। कोशिकायें छोटी व मृत होती है तथा संवहन का कार्य करती हैं ।
(2) पत्ती (Leaf): पत्तियाँ हरी व सरल तथा स्पष्ट मध्य शिरा युक्त होती हैं। मध्य शिरा के अतिरिक्त पत्ती की मोटाई एक कोशिका की होती है मध्यशिरा में कुछ कोशिकायें संकरी व मोटी भित्ति की संवहन संपूल
बनाती है। इस कोशिकाओं को छोड़कर अन्य सभी कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट उपस्थित होता है परन्तु पत्ती पर रन्ध्रो का अभाव होता है ।
फ्यूनिरिया : A. अक्ष का अनुप्रस्थ काट तथा
B. पर्ण का अनुप्रस्थ काट