Hindi, asked by jaskaranuppal290, 7 months ago

. बंगाल में ग्रामीण समाज (रूरल सोसायटी) के
चिरस्थायी बंदोबस्त (परमानेंट सेटलमेंट) का
परिणाम (प्रभाव) क्या था ?
(a) ब्रिटिश योमन किसानों की तरह ही कृषि
की उन्नति करने के लिए जमींदारों ने पूंजी
लगायी और उद्यम किया
(b) धनी (संपन्न) किसानों के एक समूह ने
जिसे जोतेदार कहा जाता था, गांवों में
अपनी स्थिति को मजबूत बनाने में
सफलता पायी
(c) रैयत (किसानों) पर निश्चित राजस्व
लेवी (उगाही) लगाने के परिणामस्वरूप
किसान समृद्ध (संपन्न) हुए​

Answers

Answered by 536053707bhavesh
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Answer:

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Answered by sofia123482
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Explanation:

पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते 'ख़तरे' से निपटने के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों ने राजनीतिक शतरंज की बिसात पर गोटियां बिछाने की कवायद तेज़ कर दी है.

तृणमूल कांग्रेस ने इसके लिए संगठन और मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है. दूसरी ओर, कांग्रेस में चुनावी तालमेल के सवाल पर दो गुट आमने-सामने हैं. इनमें से एक गुट सीपीएम की अगुवाई वाले वाममोर्चा के साथ तालमेल जारी रखने की वकालत कर रहा है तो दूसरा गुट तृणमूल कांग्रेस के साथ एक बार फिर हाथ मिलाने के पक्ष में है.

इस मुद्दे पर बीते हफ़्ते प्रदेश के नेताओं के साथ दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका. हालात यह है कि तालमेल के सवाल पर पार्टी दो-फाड़ होने की कगार पर है. पार्टी का प्रदेश नेतृत्व विधायकों और दूसरे नेताओं के पलायन से भी परेशान है.

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