बंगाल तथा बिहार में आकाल कब पड़ा था ?
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1873-74 का बिहार अकाल ( अन्य नाम- 1873-74 का बंगाल अकाल ) ब्रिटिश भारत में एक अकाल था, जो बिहार प्रांत, बंगाल के पड़ोसी प्रांत, उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध में सूखे के बाद आया था। इसने 140,000 वर्ग किलोमीटर (54,000 वर्ग मील) क्षेत्र और 2 करोड़ 15 लाख की आबादी को प्रभावित किया।
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Explanation:
1873-74 का बिहार अकाल ( अन्य नाम- 1873-74 का बंगाल अकाल ) ब्रिटिश भारत में एक अकाल था, जो बिहार प्रांत, बंगाल के पड़ोसी प्रांत, उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध में सूखे के बाद आया था। इसने 140,000 वर्ग किलोमीटर (54,000 वर्ग मील) क्षेत्र और 2 करोड़ 15 लाख की आबादी को प्रभावित किया। [1] बंगाल के नव नियुक्त लेफ्टिनेंट-गवर्नर सर रिचर्ड टेम्पल द्वारा आयोजित राहत प्रयास- ब्रिटिश भारत में अकाल राहत की सफलता की कहानियों में से एक था; क्योंकि इस अकाल के दौरान मृत्यु दर बहुत कम रही थी। [2]
1943-44 में बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश, भारत का पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा) एक भयानक अकाल पड़ा था जिसमें लगभग 30 लाख लोगों ने भूख से तड़पकर अपनी जान जान गंवाई थी। ये द्वितीय विश्वयुद्ध का समय था। माना जाता है कि अकाल का कारण अनाज के उत्पादन का घटना था, जबकि बंगाल से लगातार अनाज का निर्यात हो रहा था। हालांकि, विशेषज्ञों के तर्क इससे अलग हैं।