बांग्लादेश की स्थापना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका किसने निभाई
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जिससे लोगों का पलायन आरंभ हो गया जिसके कारण भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से लगातार अपील की कि पूर्वी पाकिस्तान की स्थिति सुधारी जाए, लेकिन किसी देश ने ध्यान नहीं दिया और जब वहां के विस्थापित लगातार भारत आते रहे तो अप्रैल 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मुक्ति वाहिनी को समर्थन देकर, बांग्लादेश को आजादी ...
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विजय दिवसः 13 दिन की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई और बांग्लादेश का जन्म
16 दिसंबर 2017
अपडेटेड 16 दिसंबर 2020
भारत-पाकिस्तान युद्ध-1971
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16 दिसंबर - भारत में ये दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. 1971 में इसी दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने समर्पण किया था जिसके बाद 13 दिन तक चला युद्ध समाप्त हुआ. साथ ही जन्म हुआ - बांग्लादेश का.
1971 के ऐतिहासिक युद्ध में पूर्वी कमान के स्टाफ़ ऑफ़िसर मेजर जनरल जेएफ़आर जैकब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
उस वक़्त भारतीय सेना के प्रमुख फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने मेजर जनरल जैकब को ही समर्पण की सारी व्यवस्था करने के लिए ढाका भेजा था.
16 दिसंबर को पाकिस्तान के जनरल नियाज़ी के साथ क़रीब 90 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाले थे.
मेजर जनरल जैकब ने ही जनरल नियाज़ी से बात कर उन्हें हथियार डालने के लिए राज़ी किया था.
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समाप्त
1971 के अभियान पर दो पुस्तकें लिख चुके जैकब गोवा और पंजाब के राज्यपाल भी रहे. बीबीसी संवाददाता रेहान फ़ज़ल ने कुछ वर्ष पहले मेजर जनरल जैकब से मुलाक़ात कर 1971 की लड़ाई के बारे में कई सवाल पूछे.
आम धारणा यह है कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व यह चाहता था कि भारतीय सेना अप्रैल 1971 में ही बांग्लादेश के लिए कूच करे लेकिन सेना ने इस फ़ैसले का विरोध किया. इसके पीछे क्या कहानी है?
बांग्लादेश
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1971 में भारतीय सैनिकों ने पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त कराने का अभियान शुरू किया.
मानेकशॉ ने अप्रैल के शुरू में मुझे फ़ोन कर कहा कि बांग्लादेश में घुसने की तैयारी करिए क्योंकि सरकार चाहती है कि हम वहाँ तुरंत हस्तक्षेप करें.
मैंने मानेकशॉ को बताने की कोशिश की कि हमारे पास पर्वतीय डिवीजन हैं, हमारे पास कोई पुल नहीं हैं और मानसून भी शुरू होने वाला है. हमारे पास बांग्लादेश में घुसने का सैन्य तंत्र और आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं.
अगर हम वहाँ घुसते हैं तो यह पक्का है कि हम वहाँ फँस जाएंगे. इसलिए मैंने मानेकशॉ से कहा कि इसे 15 नवंबर तक स्थगित करिए तब तक शायद ज़मीन पूरी तरह से सूख जाए.
रेहान फ़ज़ल के साथ मेजर जनरल जेएफ़आर जैकब
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मेजर जनरल जेएफ़आर जैकब के साथ बीबीसी संवाददाता रेहान फ़ज़ल
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