बड़े गहर की बेटी श्रीकंठ का चरित्र चित्रण?
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‘बड़े घर की बेटी’ कहानी में श्रीकंठ सिंह का चरित्र-चित्रण...
बड़े घर की बेटी कहानी के मुख्य पात्रों में से एक श्रीकंठ सिंह बेनी माधव सिंह का बड़ा पुुत्र है। वह बी.ए. तक पढ़ा लिखा है और शहर में एक बाबू की नौकरी करता है। उसका शरीर दुर्बल तथा उसका चेहरा कांतिहीन है। कहने को तो वो बी.ए. पढ़ा लिखा है, लेकिन वह पश्चिमी सभ्यता का प्रेमी नहीं है बल्कि उसे भारत की प्राचीन सभ्यता तथा संस्कृति से प्रेम है। वह संयुक्त परिवार का पक्षधर है। वह स्वभाव का सीधा-सादा और एक संस्कारी व्यक्ति है। वह जल्दी क्रोध करने वाला व्यक्ति नहीं है, परंतु स्त्रियों के प्रति अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर पाता। वो अपनी पत्नी से प्रेम करता है और अपने भाई द्वारा अपनी पत्नी के प्रति किए गए दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में उसे अपने स्वभाव के विपरीत क्रोध आ जाता है और वह अपने छोटे भाई को घर से निकल जाने का हुक्म सुना देता है। यद्यपि लो स्वभाव का बहुत अधिक कठोर नहीं है, इसलिए छोटे भाई द्वारा माफी मांगने पर वो छोटे भाई को क्षमा कर अपने गले से लगा लेता है। इस तरह श्रीकंठ सिंह एक आदर्श पति, आदर्श भाई और आदर्श पुत्र तीनों का कर्तवय बखूभी निभाता है।
‘बड़े घर की बेटी’ कहानी में श्रीकंठ सिंह का चरित्र-चित्रण...
बड़े घर की बेटी कहानी के मुख्य पात्रों में से एक श्रीकंठ सिंह बेनी माधव सिंह का बड़ा पुुत्र है। वह बी.ए. तक पढ़ा लिखा है और शहर में एक बाबू की नौकरी करता है। उसका शरीर दुर्बल तथा उसका चेहरा कांतिहीन है। कहने को तो वो बी.ए. पढ़ा लिखा है, लेकिन वह पश्चिमी सभ्यता का प्रेमी नहीं है बल्कि उसे भारत की प्राचीन सभ्यता तथा संस्कृति से प्रेम है। वह संयुक्त परिवार का पक्षधर है। वह स्वभाव का सीधा-सादा और एक संस्कारी व्यक्ति है। वह जल्दी क्रोध करने वाला व्यक्ति नहीं है, परंतु स्त्रियों के प्रति अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर पाता। वो अपनी पत्नी से प्रेम करता है और अपने भाई द्वारा अपनी पत्नी के प्रति किए गए दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में उसे अपने स्वभाव के विपरीत क्रोध आ जाता है और वह अपने छोटे भाई को घर से निकल जाने का हुक्म सुना देता है। यद्यपि लो स्वभाव का बहुत अधिक कठोर नहीं है, इसलिए छोटे भाई द्वारा माफी मांगने पर वो छोटे भाई को क्षमा कर अपने गले से लगा लेता है। इस तरह श्रीकंठ सिंह एक आदर्श पति, आदर्श भाई और आदर्श पुत्र तीनों का कर्तवय बखूभी निभाता है।