Hindi, asked by abdulrehman85578, 8 months ago

बिहारी जी किस राजा के आश्रित कवि
थे?

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Answered by Anonymous
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कवि बिहारी राजा जयसिंह के आश्रित कवि थे।

• कवि बिहारी एक शृंगारी कवि थे। प्रख्यात आलोचक श्री पदमसिंह ने भी इनकी प्रशंसा की है। उन्होंने लिखा है कवि बिहारी के दोहों का अर्थ गंगा की विशाल धारा के समान है।

• कवि बिहारी का जन्म 1603 में ग्वालियर के निकट बसुवा गोविंदपुर ग्राम में हुआ था। अनेक विद्वानों ने इन्हे आचार्य केशव दास का पुत्र स्वीकार किया।

• मुगल बादशाह शाहजहां के निमंत्रण पर वे आगरा चले गए तथा उसके बाद वे राजा जयसिंह के दरबारी कवि हो गए।

• राजा जयसिंह अपनी नव विवाहिता पत्नी के प्रेम पाश में फंसकर जब राज कार्य चौपट कर बैठे तब बिहारी जी ने उनका मोह भंग करने के लिए यह दोहा लिखकर उनके पास भेजा

" नहि पराग नहीं मधुर मधु, नहीं बिकासु इही काल।।

" नहि पराग नहीं मधुर मधु, नहीं बिकासु इही काल।।अली कली ही सौं बंध्यो, आगे कौन हवाल।।

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