बिहारी के दोहे वह मनुष्य के व्यवहार पर धन के प्रभाव को किस प्रकार व्यक्त किया गया है। स्पष्ट कीजिए?
Answers
Answered by
4
Answer:
बिहारी के दोहे में कवि कहता है कि धन में धतूरे से सौगुना अधिक नशा होता है, क्योंकि धतूरे के तो खाने से आदमी मदहोश होता है जबकि धन के मिलने पर उसकी स्थिति इससे भी बुरी हो जाती है, अर्थात् धन की मादकता इसलिए अधिक है क्योंकि उसका प्राप्त होना ही सिर चढ़कर बोलने लगता है, जबकि मादक द्रव्य तो सेवन करने पर ही (और वह भी थोड़े समय के लिए) आदमी का सिर घुमाते हैं। अतः धन का नशा अन्य सभी नशों से अधिक और खतरनाक होता है। मादक पदार्थों का नशा उन्हें सेवन करने के कुछ समय बाद उतर जाता है किंतु धन का नशा बना ही रहता है और जीवन की अन्य गतिविधियों पर उसका चढ़ा हुआ रंग तरह-तरह से दिखाई देता है
Explanation:
hope it will be help you if yes so
MARK ME AS BRAINLIST..
Similar questions