Hindi, asked by anil00000tamboli, 6 hours ago

बिहारी कवि ने जगत को तपोवन सा क्यों कहा है ​

Answers

Answered by bhausahebkale1966
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Answer:

जैसे तपोवन में सभी तपस्वी आपसी प्रेम और आपसी सद्भाव से रहते हैं वैसे ही भयंकर गर्मी से बचने के लिए विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु आपसी शत्रुता भुलाकर प्रेम व सद्भाव से रहते हैं। संदेश'पारस्परिक प्रेम व सद्भाव बढ़ाना।

Answered by bhatiamona
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बिहारी कवि ने जगत को तपोवन सा क्यों कहा है ​:

कवि बिहारी ने जगत को तपोवन इसलिए कहा है, क्योंकि तपोवन एक ऐसी जगह होती है जहां पर सभी लोग प्रेम और मित्रता भाव से रहते हैं।

व्याख्या :

तपोवन ऐसी जगह है जहां पर तप किया जाता है। जहाँ पर किसी की किसी से कोई दुश्मनी नहीं होती। तपोवन के सभी प्राणी आपस का वैर-भाव भुलाकर मिल जुल कर रहते हैं क्योंकि भयंकर गर्मी में एक साथ पेड़ों की छाया में बैठना उनके लिए आवश्यक होता है. इसीलिए कवि बिहारी ने जगत को तपोवन कहा है कि इस जगत में भी लोग अपनी शत्रुता भुलाकर एक साथ रह सकते है।

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