Hindi, asked by ishupaul773, 5 months ago

बिहारी लाल की सुंदरियों भावना का संक्षिप्त परिचय​

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Answered by rinkughosh9932
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Answer:

बिहारी मूलतः श्रृंगारी कवि हैं। मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय। जा तन की झाई परे, स्याम हरित दुति होय॥ मति न नीति गलीत यह, जो धन धरिये जोर।

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