बिहारी ने अधिक धन होने पर मनुष्य के गलत व्यवहार को गलत माना है। इस कथन को स्पष्ट करते हुए अपने विचार प्रस्तुत कीजिये
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don't know sorry
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कागद पर लिखत न बनत, कहत सँदेसु लजात
कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात
अर्थ :इस दोहे में कवि ने उस नायिका की मन:स्थिति का चित्रण किया है जो अपने प्रेमी के लिए संदेश भेजना चाहती है। नायिका को इतना लम्बा संदेश भेजना है कि वह कागज़ पर समा नहीं पाएगा। लेकिन अपने संदेशवाहक के सामने उसे वह सब कहने में शर्म भी आ रही है। नायिका संदेशवाहक से कहती है कि तुम मेरे अत्यंत करीबी हो इसलिए अपने दिल से तुम मेरे दिल की बात कह देना।
नहिं पराग नहिं मधुर मधु नहिं विकास यहि काल
अली कली में ही बिन्ध्यो आगे कौन हवाल
अर्थात – न हीं इस काल में फूल में पराग है, न तो मीठी मधु ही है। अगर अभी से भौंरा फूल की कली में ही खोया रहेगा तो आगे न जाने क्या होगा। दूसरे शब्दों में, 'हे राजन अभी तो रानी नई-नई हैं, अभी तो उनकी युवावस्था आनी बाकी है। अगर आप अभी से ही रानी में खोए रहेंगे, तो आगे क्या हाल होगा।
सुनी पथिक मुँह माह निसि लुवैं चलैं वहि ग्राम
बिनु पूँछे, बिनु ही कहे, जरति बिचारी बाम
विरह की आग में जल रही प्रेमिका के अंदर इतनी अग्नि होती है मानो माघ के माह में भी लू सी ताप रही हो जैसे की वो किसी लुहार की धौकनी हो |
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