बिहारी ने ईश्वर प्राप्ति में किन साधनों को साधक और किनको बाधक माना हैं?
This question is from class 10 Hindi Course B.
Vedangi1:
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बिहारी मानते हैं कि प्रभु-प्रप्ति के लिए भक्त के मन में सच्ची भक्ति भावना होनी चाहिए। जपमाला, तिलक, छापा आदि धार्मिक आडंबर अनावश्यक या बाधक हैं। ये व्यर्थ के प्रयास हैं। इनसे प्रभु का कोई लेना देना नहीं हैं।
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ईश्वर भक्ति केवल हाथ में माला लिए जपकर और माथे पर चंदन तिलक लगाने से या भजन गाने से नहीं होती है।
Explanation:
- बिहारी के अनुसार केवल सच्ची भक्ति द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है।
- ईश्वर भक्ति केवल हाथ में माला लिए जपकर और माथे पर चंदन तिलक लगाने से या भजन गाने से नहीं होती है।
- यह सभी बाहरी आडंबर है और इस प्रकार के आडंबर से ईश्वर की कभी भी सच्ची प्राप्ति नहीं की जा सकती।
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