Hindi, asked by rp687479, 3 months ago

बिहारी सतसई लेखकों की परंपरा में बेजोड़ है जिसे तड़का उदाहरण से पोस्ट कीजिए​

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Answered by vikramkumarpandit874
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सतसई, मुक्तक काव्य की एक विशिष्ट विधा है। इसके अंतर्गत कविगण 700 या 700 से अधिक दोहे लिखकर एक ग्रंथ के रूप में संकलित करते रहे हैं। "सतसई" शब्द "सत" और "सई" से बना है, "सत" का अर्थ सात और सई का अर्थ "सौ" है। इस प्रकार सतसई काव्य वह काव्य है जिसमें सात सौ छंद होते हैं। बिहारी सतसई में एक मात्र ‘रोला’ छंद का प्रयोग किया गया है।

Answered by Anonymous
43

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