बिहारी सतसई में कितने दोहों का सृजन किया
गया है?
Answers
Answer:
पांच दोहे का सृजन किया गया है।
Explanation:
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'बिहारी सतसई' में कुल 713 दोहों का सृजन किया गया है।
व्याख्या :
कविवर बिहारी की एकमात्र रचना ‘बिहारी सत्सई’ (सप्तशती) है। उनकी यह रचना एक मुक्तक काव्य है, जिसमें 713 दोहे संकलित हैं। कविवर बिहारी ने अपनी सत्सई रचना में ब्रज भाषा का प्रयोग किया है। उनकी रचना बिहारी सतसई को तीन भागों नीति विषयक दोहे, भक्ति और अध्यात्म पक्ष तथा श्रंगारपरक में बांटा जा सकता है।
कविवर बिहारी हिंदी साहित्य की रीतिकाल काव्य धारा के प्रसिद्ध कवि रहे हैं। उनका जन्म सन् 1652 ईस्वी में ग्वालियर में हुआ था। उनका बचपन बुंदेलखंड में बीता था। उनके गुरु का नाम नरहरिदास था।
कविवर बिहारी की रचना में श्रंगार पक्ष का अधिक जोर दिया गया है और उन्होंने बेहद कलात्मक ढंग से श्रंगारपरक काव्य की रचना की है। कविवर बिहारी की रचनाएं श्रंगार के संयोग और वियोग दोनों पक्षों से संबंधित रही हैं। उनकी रचनाओं में कृष्ण उपासना पर अधिक जोर दिया गया है उन्होंने अपनी रचना में भक्ति भावना से ओतप्रोत राधा कृष्ण के प्रेम की भावना का अधिक का चित्रण किया है।