िब हम परेशणि होतेहैंयण अपिी ककसी गिती केलिए ककसी अन्य को जिम्मेर्दणर ठहरणिेपर उतणरू होतेहैं, तब कणम,कणा्रर्,िोभ,मोह
और अंहकणर िैसेषब्र्दों को कोसिेिगतेहैं। हमेंिगतण हैकक सणरी झंझटेंइन्हींकेकणरर् हैं। इन्हेंबुरण कहण िणतण हैऔर इिके
पररर्णमों पर खूब प्रवचि होतेहैं, िेककि आर्ण सच वस्तुतः पूरेझठू सेभी अधर्क खतरिणक है। गुरुिणिक र्देव िेएक िगह कहण है-
‘‘अंर्ण-अंर्ण ठे लियण‘‘ अथणयत अंर्ेिोग अंर्ों को ही र्क्कण र्देरहेहैं। येहमणरी मिोवत्तृत्तयणॅ ॅंहैंऔर इन्हेंठीक सेिहींसमझ पणिेके
कणरर् ही हम अंर्ों की तरह व्यवहणर करिेिगतेहैं। अपिेकणम-क्रोर् को र्दसू रेकेकणम-क्रोर् सेिोड़ िेतेहैं। यही ‘अंर्ण-अंर्ण ठे लियण ‘
वणिण व्यवहणर होतण है। इि मिोवत्तृत्तयों सेकणम लिए बबिण जिंर्दगी चि भी िहींसकती ।। परमणत्मण िेिन्म सेहमेंइन्हेंर्देरखण है।
इसकण मतिब हैके इिकण कोई-ि-कोई उपयोग िरूर होगण । इसलिए ठर्दमणग ठीक िगह िगणयण िणए । क्रोर् मेउत्तेििण होती है, यठर्द
उसेसमझ लियण िणए, तो उसेउत्सणह मेंबर्दििण आसणि हो िणएगण । उत्सणह एक षजक्त है। यह एक तरह की सणमथ्र्थ । खणिी क्रोर्
कमिोरी और निंबत्रत क्रोर् तणकत बि िणतण है। िोभ मिुश्य को उन्िनत,प्रगनत और त्तवकणस की ओर िेिणतण है। िोभ कक्रयणषीि भी
बिणतण है। मोह ि हो, तो िोभ एक-र्दसू रेकेप्रनत घणतक हो िणए । निमोही भणव यठर्द ठीक सेि समझण िणए, तो निमयमतण मेंबर्दि िणतण
है। इसलिए इि मिोवत्तृत्तयों को समझिण बहुत िरूरी है। इिकण सर्दपुयोग इिकी सणमम्र्थ सेहमेंिोड़तण है।
प्र0-(क) मिुश्य अपिी ककस अवस्थण मेंककि षब्र्दों को कोसिेिगतण है? (2)
(ख) मिुश्य अंर्ों की तरह व्यवहणर ककि जस्थनतयों मेंकरतण है? (2)
(ग) क्रोर् को सकणरणत्मक स्चरूप र्देिेपर वह ककस रूप मेपररवनतयत हो िणतण है (1)
(घ) ‘मोह ि हो,तो िोभ एक-र्दसू रेकेप्रनत घणतक हो िणए‘-इस पंजक्त कण भणव
स्पश्ट कीजिए । (2)
(ड़) ‘‘कक्रयणषीि और ‘‘उत्सणह‘‘ षब्र्दों केत्तविोम षब्र्द लिखो ।
(Brainlists please give acurate answer)
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एक भी शब्द समझ नही आ रहा
Explanation:
अगर फोटो हो तो अपलोड करो
तब कुछ हो सकता है
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