Hindi, asked by shalunitinraj, 7 months ago

बिहरत अवध-बीथिन राम।

संग अनुज अनेक शिशु, नव-नील-नीरद-स्याम ।। तरुन अरुन-सरोज-पद बनी कनकमय पदत्राण।

पीत पट कटि तून बर, कर ललित लघु धनु-बान ।। लोचननि को लहत फल छवि निरखि पुर-नर-नारि ।

संत तुलसीदास उर अवधेस के सुत चारि.
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Answered by nanditapal210
1

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Explanation:

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