Hindi, asked by vanshikajaswani18, 7 months ago

बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूंकि पहारू॥
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी।जो कछु कहहु सहौं रिस रोकी।
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।
बधे पापु अपकीरति हारें। मारतहू पा परिअ तुम्हारें।
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा। ब्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा॥
जो बिलोकि अनुचित कहेउँ छमहु महामुनि धीर॥
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गंभीर।।. .उपयुक्त काव्यान्श मैं लक्ष्मण के मुस्कुराते हुए जवाब देने के पीछे क्या कारण है?​

Answers

Answered by arunsharmakknews
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Answer:

लक्ष्मण ने परशुराम के अभिमानपूर्ण स्वभाव पर व्यंग्य किया है। वीर वह होता है जो वीरता का प्रदर्शन करे न कि व्यर्थ में डींगें हांके। जब परशुराम ने यह कहा था कि उन्होंने अपनी भुजाओं के बल से कई बार पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं को मिटा कर उनके राज्य ब्राह्मणों को दे दिए थे और उन्होंने सहस्रबाहु की भुजाओं को काट डाला था तो लक्ष्मण ने मुस्करा कर कहा था कि मुनीश्वर तो अपने आप को बहुत बड़ा योद्धा समझते थे और बार -बार कुल्हाड़ी दिखा कर डराना चाहते थे। वे तो फूंक मार कर पहाड़ उड़ाने का कार्य करना चाहते थे। भाव है कि राम और लक्ष्मण ऐसे क्षत्रिय वीर नहीं थे जो सरलता और सहजता से परशुराम से हार जाते।

Answered by aradhyshrivastav08
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Answer:

लक्ष्मण के मुस्कुराते हुए जवाब देने का कारण यह है कि वह मुनि की बातों पर व्यंग कस रहे हैं

Explanation:

लक्ष्मण जी मुस्कुराते हुए इसलिए जवाब दे रहे हैं कि वह परसराम जी के हर शब्द का अर्थ हंस करके उनका व्यंग कर रहे हैं और उन्हें क्रोध दिला रहे हैं

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