Hindi, asked by vanshikajaswani18, 10 months ago

बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूंकि पहारू॥
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी।जो कछु कहहु सहौं रिस रोकी।
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई। हमरे कुल इन्ह पर न सुराई।
बधे पापु अपकीरति हारें। मारतहू पा परिअ तुम्हारें।
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा। ब्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा॥
जो बिलोकि अनुचित कहेउँ छमहु महामुनि धीर॥
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गंभीर ।।
यह रचना किस छंद में हुई है ​

Answers

Answered by shakshipriya
0

Answer:

chopai aur Doha chand mai

Answered by sayansingha122004
0

Answer:

I know that but I can't explain you sorry bro

Similar questions