B) Identification of tense.
(1) रक्षन्ति -
(2) पिबसि-
(3) गच्छामि -
(4) भवत:-
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Answer:
प्रत्येक वाक्य में एक क्रियापद होता है।
यथा-
बालकः पठति।
अहम् लिखामि।
त्वम् किम् करोषि?
क्रियापद धातु से बनता है। संस्कृत भाषा में अनेक धातुएँ हैं। धातु का रूप पाँच लकारों में चलता है। (Each sentence has a Verb. A verb is formed from a root. There are many roots in Sanskrit language. Aroot is conjugated in 5 colto.) –
लट्ल कारः- (वर्तमानकाल–Present Tense) सः गच्छति (वह जाता है, He goes)
लङ् लकार:- (भूतकाल-Past Tense) सः अगच्छत् (वह गया, He went)
लुट्लकारः – (भविष्यत्काल-Future Tense) सः गमिष्यति (वह जाएगा, He will/shall go)
लोट्ल कारः- (आज्ञार्थक-mperative Mood) सः गच्छतु (वह जाए, He may go)
विधिलिङ् -‘(विधि-विधानार्थक-Potential Mood) सः गच्छेत् (उसे जाना चाहिए, He should go)
लकार का प्रयोग क्रिया का काल अथवा अवस्था दर्शाने के लिए होता है। हम सीख चुके हैं कि ‘लट्’ वर्तमानकाल की क्रिया, ‘लङ्’ भूतकाल की तथा ‘लुट्’ भविष्यत् काल की क्रिया दर्शाता है। आवृत्ति हेतु नीचे ‘पठ्’ धातु के तीनों लकारों में रूप दिए गए हैं। (A लकार is used to denote Time or Mood of action. We have learnt that’लट्’ is used to denote Present Tense, ‘लङ्’ Past Tense and’लुट् is used for Future Tense. Given underneath is the conjugation of the root Ta’ in the three लकार’ as a matter of revision.)