बैजू ने तानसेन को हरा दिया
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means I can't understand the question.... sorry
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कहा जाता है कि बैजू के गाने से पत्थर भी पिघल जाते थे। एक युवती के प्यार में ये ऐसे दीवाने हुए कि लोग इन्हें बावरा कहने लगे। अकबर के दरबार में आयोजित एक प्रतियोगिता में उन्होंने संगीत सम्राट कहे जाने वाले तानसेन को हरा दिया था।
तानसेन समारोह ग्वालियर में 16 दिसंबर से आयोजित हो रहा है। पहले यह समारोह तानसेन उर्स के नाम से होता था। आजादी के बाद तानसेन उर्स को तानसेन समारोह में बदल दिया गया। हम इस मौके पर आपको बताने जा रहे हैं तानसेन व बैजू बावरा के बारे में...
तानसेन का नाम आते ही एक नाम और उभर कर आता है, वह है बैजू बावरा का, जो भले किसी शहंशाह का नवरत्न नहीं बन सका, लेकिन उसके सामने तानसेन जैसे गायक भी नतमस्तक थे। बैजू बावरा का जन्म गुजरात के चांपानेर गांव के एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनका असली नाम बैजनाथ मिश्र था। बैजू ग्वालियर के राजा मानसिंह के दरबार के गायक और उनकी संगीत नर्सरी के आचार्य भी रहे।