बीजापुर का बादशाह कौन था और वीर शिवाजी ने उसके आगे अपना शीश क्यों नहीं चुकाया
Answers
क्युंकि मै तेरा बाप हू
Explanation:
इसलिए
Answer:
वीर शिवाजी (Veer Shivaji Maharaj ) स्वतंत्र मराठा साम्राज्य के संस्थापक माने जाते हैं। जब भारत पर मुगलों का शासन था और भारत की जनता मुगलों के आतंक से आतंकित थी।
जब देश दासता की गहरी निंद्रा में डूबा हुआ था। तब वीर शिवाजी (Veer Shivaji ) ने दासता और मुगलों के अत्याचार की विरुद्ध बगावत करके प्रसुप्त देशवासियों को गहरी नींद से जगाने का काम किया था।
Explanation:
उनका लालन-पालन उनके संरक्षक दादा कोंडदेव तथा जीजाबाई के गुरु स्वामी रामदास के सनिध्य में हुआ। वीर शिवाजी के उच्च चरित्र निर्माण में उनकी माता जीजाबाई ने जी-जान लगा दी। शिवाजी वचपन से अपनी माता से धार्मिक कथाओं के साथ वीर योद्धाओं की कहानियाँ सूना करते।
इस प्रकार बाल्यकाल से उनके अंदर शौर्य व उत्साह कूट-कूट कर भरा हुआ था। वे बचपन से ही मलयुद्ध, बरछे-भाले एवं धनुष-बान चलाने में महारथ हासिल कर लिये थे। शिवाजी बचपन में अपने बालक मंडली के साथ मिलकर कृतिम युद्ध का खेल खेला करते थे।
शिवाजी महाराज का 19 वर्ष की उम्र में कई दुर्गों पर अधिकार
चूंकि उनके पिता शाहजी बीजापुर के बादशाह के यहॉं उच्च पद पर तैनात थे। इसीलिए उनके पिता की इच्छा थी की वीर शिवाजी भी अपने बहादुरी के बल पर कोई उच्च पद प्राप्त करें। लेकिन वीर शिवाजी के मन में कुछ और ही चल रहा था।
Chhatrapati Shivaji Maharaj ने मात्र 19 बर्ष की आयु में अपनी शक्ति बढ़ानी शुरू कर दी। उन्होंने अपना स्थानीय मित्रों की सहायता से सैन्य दस्ता तैयार कर तोरण दुर्ग पर अपना अधिकार कर लिया। बाद में वे बीजापुर के अन्य दुर्गों पर धावे बोलने लगे।दो वर्ष के अंदर ही सिंहगढ़, पुरंदर इत्यादि दुर्गों पर अधिकार कर लिया। 1659 ईस्वी में बीजापुर के सुल्तान ने अपने सैनिकों को सेनापति अफजल खान के नेतृत्व में वीर शिवाजी को दमन करने के लिए भेजा। लेकिन वीर शिवाजी ने युद्ध में उन्हें परास्त कर उनका वध कर दिया