बिजीय फलनों के प्रकारों की उदाहरण
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वक्र प्रथम, द्वितीय, तृतीय, कोटि के कहे जाते हैं, यदि उनके समीकरणों में x, या y के प्रथम, द्वितीय, तृतीय, घात आते हों। वृत्त, दीर्घवृत्त (ellipse), परवलय (parabola), अतिपरवलय (hyperbola) द्वितीय कोटि के वक्रों के उदाहरणहैं। वक्र किसी बिंदु पर असंतत भी हो सकता है।
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vakra pratham ditya aue aur titya koti ke kahe jate hai
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