Social Sciences, asked by kishori1174prasad, 3 months ago

बेजजियम और श्रीलांका ने सत्ता में साझेदारी के प्रश्न को इस प्रकार तनपटाने की कोमशश की?​

Answers

Answered by rahulkumar445
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Explanation:

हम, औसेफ के दृष्टिकोण से सहमत हैं, कि प्रत्येक समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो।

सत्ता की साझेदारी की प्रक्रिया का देश के आकार के साथ कोई लेना देना नहीं है। किसी भी देश में जहां पर धर्म , जाति इत्यादि के आधार पर बहुत से समूह रहते हो ,सत्ता के बँटवारे की प्रक्रिया का होना बहुत आवश्यक है । गहरे रूप से विभाजित समाजों में सत्ता की साझेदारी बहुत आवश्यक क्योंकि यह न केवल अलग अलग समूहों में सामाजिक आक्रोश कम करता है बल्कि यह राजनीतिक स्थिरता को भी बढ़ाता है। प्रत्येक जातीय तथा धार्मिक समूह के कुछ छुपे हुए हित होते हैं तथा उनकी आवाज़ को भागीदारी देने के लिए उसे प्रतिनिधित्व देना बहुत आवश्यक है। किसी भी कार्य प्रणाली में हर एक समूह को प्रतिनिधित्व देने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि अलग-अलग समूहों में विश्वास भी बढ़ाता है । राजनीतिक स्थिरता तथा शांति को बनाए रखने में देश के आकार का कोई महत्व नहीं है । यह दोनों ही सभी देशों में आवश्यक है।

सत्ता की साझेदारी में कई और कारण भी शामिल है जैसे की सांस्कृतिक , सामाजिक ,क्षेत्रीय, भाषायी अंतर तथा देश में बहुत से जातीय समूह का होना इत्यादि।

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