Hindi, asked by Anonymous, 3 months ago

बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर छाती धधक उठी मेरी। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

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Answered by Anonymous
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जब सुखिया का पिता जेल से छूटा तो वह श्मशान में गया। उसने देखा कि वहाँ उसकी बेटी की जगह राख की ढेरी पड़ी थी। उसकी बेटी की चिता ठंडी हो चुकी थी। पर एक पिता के सीने के आग धधक रही थी।

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