Hindi, asked by jyotisaini070786, 9 months ago

बैंक धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या पर निबंध​

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Answered by bhatiamona
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बैंक धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या पर निबंध​:

बैंक धोखाधड़ी की समस्या भारत में बढ़ती ही जा रही है|  

बैंक धोखाधड़ी के कई प्रकार है:

नकली कागज़ बैंक में जमा करना जैसे की नकली दस्तावेज देकर खाता खुलवाना और खाते का गलत काम के लिए उपयोग करना |  नकली चैक , या डी.डी बना कर पैसे निकाल लेना|   किसी और के हूबहू हस्ताक्षर करके पैसे निकाल लेना|  जमीन या घर के नकली कागज़ देकर कर ऋण लेना और बाद में चुकता नहीं करना|  किसी के A.T.M का क्लोन बना कर पैसा निकालना इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग को हैक कर पैसे उड़ाना|  नकली बैंक वाला बोलकर लोगों को फोन कर O.T.P और पासवर्ड पूछ कर पैसे उड़ाना|  

इस धोखाधड़ी से बचने का सब से अच्छा  उपाय है| अपना बैंक खाता समय-समय पर चैक करते है|  A.T.M इंटरनेट मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड न बताए | फोन पर बात करने की जगह नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर अपनी समस्या का हल पाए|

Answered by Priatouri
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बैंक धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या |

Explanation:

प्राचीन काल से ही बैंक का समाज में एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बैंक एक वित्तीय संस्था होती है जो लोगों को उनकी जरूरत के समय ऋण देने और उनके पैसे जमा आदि करने का कार्य करती है। आधुनिक विश्व में बैंक धोखाधड़ी की एक संस्था बन गया है। बैंक में कई प्रकार से धोखाधड़ी होती है जिसका साधारण व्यक्तियों को नहीं पता होता है और आज के युग में धोखाधड़ी बहुत अधिक बढ़ गई है।

बैंक में धोखाधड़ी एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आने लगी है। जब भी हम लोग बैंक में अपने कागज जमा करवाते हैं तो बैंक के कुछ एजेंट उन कागजों को अपने हवाले में लेकर अलग-अलग जगह पर चलाने लगते हैं जैसे कई बार वे उन कागजों से हमारे नाम पर ऋण ले लेते हैं और जमीन आदि खरीद लेते हैं। यह एजेंट लोग इन ऋणों का भुगतान नहीं करते हैं और लिए गए सारे दिन का भार हम जैसे गरीब लोगों पर आ जाता है। इससे बैंक में हमारा सिविल खराब होता है और हमें भविष्य में बैंक से संबंधित किसी भी  सुविधा का फायदा उठाने का अधिकार हमसे छीन लिया जाता है।

आजकल बैंक धोखाधड़ी में एक नया तरीका सामने आया है जिसमें लोग हमारे क्रेडिट कार्ड से इंटरनेट के जरिए शॉपिंग कर लेते हैं और जिसका भुगतान हमें करना पड़ता है। कई बार हमारे पास बैंकों के नाम पर कुछ एजेंट फोन करते हैं और हम से ओटीपी पूछ लेते हैं और जैसे ही उन्हें ओटीपी पता चलता है वैसे ही हमारा सारा पैसा मिनट भर में बैंक से खाली हो जाता है ।

डिजिटल इंडिया के इस युग में बैंक धोखाधड़ी की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है जिस कारण हम ही लोगों को इसे रोकने के उपाय सोचने होंगे। कई बार बैंक संस्थाएं भी हमें कॉल करके यही जानकारी देती है कि हमें कभी भी अपना ओटीपी किसी भी फोन के जरिए साझा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर बैंक भी अपनी जिम्मेदारी छोड़ देता है और सबसे ज्यादा नुकसान हम गरीब लोगों का ही होता है।

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अगर समय चक्र रुक जाये तो

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