Hindi, asked by vickyaicky1246, 11 months ago

बाल गंगाधर तिलक पर निबंध | Write an essay on Bal Gangadhar Tilak in Hindi

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Answered by amj77
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बाल गंगाधर तिलक पर निबंध | Essay on Bal Gangadhar Tilak in Hindi

1. प्रस्तावना:

लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अमर तथा श्रेष्ठ बलिदानियों में गिने जाते हैं, जो अपनी उग्रवादी चेतना, विचारधारा, साहस, बुद्धि व अटूट देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं । उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व एक ऐसे संघर्ष की कहानी है, जिसने भारत में एक नये युग का निर्माण किया ।

भारतवासियों को एकता और संघर्ष का ऐसा पाठ सिखाया कि वे स्वराज्य हेतु संगठित हो उठे । वे एक राजनेता ही नहीं, महान् विद्वान, दार्शनिक भी थे । स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है का नारा बुलन्द करने वाले तिलक स्वाधीनता के पुजारी थे ।

2. जन्म एवं शिक्षा-दीक्षा:

बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था । उनके दादाजी केशवरावजी पेशवा राज्य में उच्च पद पर आसीन थे । अंग्रेज सरकार द्वारा पेशवा राज्य के विघटन के बाद उनकी पारिवारिक स्थिति अच्छी न थी ।

तिलक के पिता गंगाधर पंत अध्यापक थे । उन्होंने बाल गंगाधर को संस्कृत, मराठी, गणित का अच्छा ज्ञान घर पर ही करा दिया था । वे 1866 में पूना के स्कूल में भर्ती हुए । उनकी स्मरणशक्ति अदभुत थी । संस्कृत के सहस्त्रों श्लोक उन्हें कण्ठस्थ थे । अपनी निर्भीक प्रवृत्ति के कारण वे अध्यापकों से हमेशा उलझ जाया करते थे ।

1871 को 15 वर्ष की आयु में उनका विवाह तापीबाई से हो गया । 1873 में तिलक ने डेकन कॉलेज में प्रवेश ले लिया । दुर्भाग्यवश वे अनुतीर्ण हो गये । 1876 में उन्होंने प्रथम श्रेणी में बी०ए० तथा 1876 में कानून की परीक्षा पास की । एम०ए० की परीक्षा में वे दो बार अनुत्तीर्ण रहे ।

3. तिलकजी का राजनीति में प्रवेश:

तिलकजी का भारतीय राजनीति में प्रवेश 1880 में हुआ । उन्होंने बलवन्त वासुदेव फडके की सहायता से विद्रोह का झण्डा फहराकर ब्रिटिश शासन के प्रति अपना विरोध प्रकट किया । तिलक ने जनता को लार्ड रिपन के विचारों से अवगत कराया । सन् 1880 में पूना में न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना की । इस तरह शिक्षा के क्षेत्र में अपने कार्य की शुरुआत की ।

1881 में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश कर मराठा केसरी पत्रिका का संचालन किया । इसके माध्यम से जनजागरण व देशी रियासतों का पक्ष प्रस्तुत किया । ब्रिटिश सरकार की आलोचना के कारण उन्हें चार वर्ष का कारावास भोगना पड़ा । जेल से बाहर आकर उन्होंने डैकन एजूकेशन सोसायटी की स्थापना तथा फग्यूर्सन कॉलेज की स्थापना की । सन् 1888-89 में शराबबन्दी, नशाबन्दी व भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाते हुए पत्रों के माध्यम से कार्रवाई की ।

सन् 1889 में उन्हें बम्बई कांग्रेस का प्रतिनिधि चुन लिया गया । सन् 1891 को सरकार द्वारा विवाह आयु का स्वीकृति विधेयक का बिल उन्होंने प्रस्तुत किया । एक बार मिशन रकूल में भाषण देने पर उन्हें सनातनी हिन्दुओं के विरोध का तथा उसके प्रायश्चित के लिए काशी स्नान करना पड़ा । जनता की गरीबी को दूर करने के लिए उनकी भूमि सुधार सम्बन्धी नीतियों की काफी आलोचना हुई ।

Answered by Priatouri
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बाल गंगा तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था I उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में अर्पित कर दिया। देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने अनेकों कार्य किए I इनका लोकप्रिय नाम लोकमान्य तिलक हैं I बाल गंगाधर जी के पिताजी का नाम गंगाधर रामचंद्र तिलक था I वे एक घनिष्ठ ब्राह्मण थे I लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजी तथा मराठी में  दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए I जो जनता में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुए I इन्होने देश के हिन्दुओं को एकता के सूत्र में बाँधने के लिए गणेश उस्तव शुरू किया I बाल गंगाधर तिलक जी की मृत्यु 1 अगस्त 1920 में हुई I

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