बाल गोविंद भगत के गीत में कौन सा भाव व्यक्त होता है वह कौन सा वाद्य यंत्र बजाते हैं
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बालगोबिन भगत के गीतों में जीवन के प्रति सकारात्मकता का भाव प्रकट होता था। वह जीवन को एक उत्सव की तरह मानते थे, उनकी श्रद्धा कबीर में थी और वह अपने गीतों में अक्सर कबीर के पदों को गुनगुनाया करते थे। वह सुबह-सुबह ही गांव की चौपाल पर गीत गुनगुनाने बैठ जाते थे। वह खेंजड़ी बजाते थे। उनकी उंगलियां खेंजड़ी पर लगातार चलती रहती थी और वह मदमस्त होकर अपने सुर में गाते रहते थे।
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Answer:
answer is विरह की भाव ।।।